कोरोना वायरस अब एक वैष्विक महामारी का रूप ले चुका है । पर ना ही इसकी कोई दवा अब तक बनी है और ना ही कोई वैक्सीन । यह बीमारी हमारे स्वसन तंत्र पर हमला करती है । हर इंसान का अपना इम्मयून सिस्टम होता है इस लिये जरूरी नही की कौन इससे ग्रसित है ये बाहर से पता चल जाये ।
कोरोना वायरस का मुख्य लक्षण तेज बुखार है. बच्चों और वयस्कों में अगर 100 डिग्री फ़ारेनहाइट (37.7 डिग्री सेल्सियस) या इससे ऊपर पहुंचता है तभी यह चिंता का विषय है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर 88 फीसदी को बुखार, 68 फीसदी को खांसी और कफ, 38 फीसदी को थकान, 18 फीसदी को सांस लेने में तकलीफ, 14 फीसदी को शरीर और सिर में दर्द, 11 फीसदी को ठंड लगना और 4 फीसदी में डायरिया के लक्षण दिखते हैं. रनिंग नोज यानी नाक बहना कोरोना वायरस का लक्षण नहीं माना जा रहा है.
Healthy Respiratory System: कोरोनावायरस, स्वाइन फ्लू और निमोनिया जैसे कई संक्रमण श्वसन-तंत्र से जुड़े राेग हैं। जो खासकर बदलते मौसम में हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम पर हमला करते हैं। समय पर इनसे बचाव न करना इन्हें गंभीर बना सकता है। आप चाहे तो घर में रहकर ही अपने श्वसन-तंत्र को संक्रमण से बचा सकते हैं। आइए जानते उन टिप्स के बारे में जिन्हें अपनाकर आप अपना श्वसन-तंत्र मजबूत कर सकते हैं:-
श्वसन-तंत्र संक्रमण से ऐसे करें बचाव
- श्वसन-तंत्र से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का प्रयास करें। ऐसे फलों और सब्जियों का सेवन करें, जो विटामिन सी, मैग्नीशियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर हों। ये एलर्जी या संक्रमण से लड़ने में सहायता कर सकते हैं।
- फेफड़ों की सबसे अंदरूनी परत, जिसे म्युकोसल लाइनिंग कहते हैं, अत्यधिक पतली होती है। इसे स्वस्थ रखने के लिए रोजाना 6 से 8 गिलास पानी पिएं और दूसरे तरल पदार्थों का भी सेवन करें। ठंडी चीजें खासकर फ्रिज में रखी चीजें जैसे आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक्स, कुल्फी आदि का सेवन ना करें।
- कॉफी का सेवन करें, यह ब्रोंकोडायलेटेडर की तरह काम करती है, जो ब्रोंकियोल्स को डायलेट कर देता है और श्वासमार्ग को खोल देता है।
- विटामिन सी से भरपूर फलों जैसे अनार, सेब, मौसम्बी, स्ट्रॉबेरीज और पाइन एप्पल का सेवन करें। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ाते ही हैं, फेफड़ों को भी शक्तिशाली बनाते हैं। ओमेगा 3 युक्त खाद्य पदार्थों जैसे सूखे मेवे, मछली, फ्लैक्स सीड्स आदि का सेवन करें।
व्यायाम और योग करें
व्यायाम और योग करने से ऑक्सीजन का इनटेक बढ़ता है और सांस लेने में आसानी होती है। आराम के समय और अधिकतर दैनिक गतिविधियों में फेफड़े अपनी क्षमता का केवल 50 प्रतिशत ही कार्य करते हैं। हमारे बाकी शरीर की तरह फेफड़े भी सक्रियता में अधिक स्वस्थ रहते हैं। फेफड़ों को भी प्रतिदिन 30 मिनट की तीव्र शारीरिक गतिविधियों की आवश्यकता होती है, जैसे व्यायाम, योग आदि। इससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।
ओरल हाइजीन पर दें ध्यान
रेस्पिरेटरी सिस्टम की समस्याओं में ओरल हाइजीन का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। ओरल हाइजीन आप इस तरह से कर सकते है:-
- जितना संभव हो, अपने मुंह को साफ रखें। दिन में कम से कम दो बार अपने मुंह और जीभ को साफ करें।
- दिन में एक बार माउथ वॉश का उपयोग जरूर करें। इससे श्वास मार्ग में वायरल की मौजूदगी कम हो जाती है, विशेषकर ओरोफेरिंग्स में।
संक्रमण से बचाव के लिए इन बाताें का करें पालन
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
- सार्वजनिक जगहों से आने के बाद साबुन से हाथ जरूर धोएं।
- जिन्हें सर्दी-खांसी हो रही हो, उनके ज्यादा नजदीक ना जाएं।
- सार्वजनिक स्थानों पर मुंह को रूमाल से ढक लें, क्योंकि यह हवा से फैलने वाली बीमारी है।
- अगर घर में कोई सर्दी-खांसी और गले की खराश से पीड़ित है तो इस बात की पूरी सावधानी रखी जाए कि परिवार के अन्य सदस्यों में वह ना फैले।
- संक्रमित सदस्य के जूठे कप, प्लेट और गिलास का प्रयोग ना करें।
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